“ब्राह्मण महिमा”


ब्राह्मण निर्धन होगा तो बनेगा
सुदामा
फिर एकदिन कृष्ण उसकी
सेवा करेँगे..
ब्राह्मण अपमानित होगा तो
बनेगा चाणक्य,
फिर एक दिन नये राज्य कि
स्थापना कर देगा,,,
ब्राह्मण सटया जायेगा तो
बनेगा परशुराम, फिर एक
दिन
पापीयो का विनाश कर देगा,
ब्राह्मण पढेगा तो आर्यभट्ट बन जायेगा,
फिर एक दिन पुरे विश्व को
0 (ZERO)दे जायेगा,
ब्राह्मण जब वेद धर्म का
विनाश देखेगा,
तो आदि शँकराचार्य
बन जायेगा फिर एक दिन
वैदिक धर्म कि स्थापना कर
देगा,
ब्राह्मण जब लोगो को बीमार
देखेगा तो
चरक बन जायेगा, फिर एक
दिन पुरे विश्व को आर्युवेद दे
जायेगा,
ब्राह्मण ने हमेशा अपने
ज्ञान के प्रकाश से विश्व को
प्रकाशित किया है,
प्रणाम है ब्राह्मण समाज को. .
कुछ बात है कि हस्ती
मिटती नही हमारी.
Dedicated 2 All Bramhins!
ब्राह्मण धर्म – वेद
ब्राह्मण कर्म – गायत्री
ब्राह्मण जीवन – त्याग
ब्राह्मण मित्र – सुदामा
ब्राह्मण क्रोध – परशुराम
ब्राह्मण त्याग – ऋषि दधिची
ब्राह्मण राज – बाजीराव पेशवा
ब्राह्मण प्रतिज्ञा – चाणक्य
ब्राह्मण बलिदान – मंगल आजाद
ब्राह्मण भक्ति – रावण
ब्राह्मण ज्ञान – आदि गुरु शंकराचार्य
ब्राह्मण सुधारक – महर्षि दयानंद
ब्राह्मण राजनीतिज्ञ – कोटिल्य
ब्राह्मण विज्ञान – आर्यभट
ब्राह्मण गणितज्ञ – रामानुजम
ब्राह्मण खिलाड़ी – सचिन तेंदुलकर
कर्म से, धर्म से, दान से, ज्ञान से, विज्ञान से,
नाम से, जीवन से, मृत्यु से, भक्ति से, शक्ति से,
मुक्ति से, आत्मा से, परमात्मा से, मूल्यों से,
संस्कारो से, बल से, बुद्धि से, कौशल से, सम्मान से,
विश्वास से ब्राह्मण बनना शुरू करिए तभी अपने
पूर्वजो के किये गौरवशाली कार्यो पर आप गर्व
कर पायगे…
“ब्राह्मण महिमा”
ब्राह्मण:- ब्रह्मा के मुख से उत्पन्न सर्वोच्च वर्ण ।
१ ब्राह्मण का जन्म: भगवान् विष्णु का अंश अवतार।
२ ब्राह्मण की विद्या: ज्ञान का अथाह सागर ।
३ ब्राह्मण की बुद्धि : समस्त समस्याओं
का समाधान

४ ब्राह्मण की वाणी : वेद का ज्ञान ।
५ ब्राह्मण की शिक्षा : जीवन जीने की कला ।
६ ब्राह्मण की दृष्टी ; सम्भाव।
७ ब्राह्मण की शिखा: संकल्पों का समूह ।
८ ब्राह्मण की दया : संकटों का हरण ।
९ ब्राह्मण की कृपा : भवसागर तरने का साधन ।
१० ब्राह्मण का कर्म : सर्व जन हिताय ।
११ ब्राह्मण का निवास : देवालय ।
१२ ब्राह्मण के दर्शन : सर्वमंगल ।
१३ ब्राह्मण का आशीर्वाद : समस्त
सुखो की प्राप्ति ।
१४ ब्राह्मण की सेवा : परलोक सुधारना ।
१५ ब्राह्मण का वरदान: मोक्ष की प्राप्ति ।
१६ ब्राह्मण का अस्त्र : श्राप ।
१७ ब्राह्मण का शस्त्र : कलम ।
१८ ब्राह्मण को दान : सहस्त्रो पापो से मुक्ति ।
१९ ब्राह्मण को दक्षिणा : सात पीढ़ी का उद्धार

२० ब्राह्मण की संतुष्ठी: सभी भयो से मुक्ति ।
२१ ब्राह्मण की हुँकार:
राजा महाराजयों का चरणागत होना ।
२२ ब्राह्मण की गर्जना : सर्वभूतों का संहार ।
२३ ब्राह्मण का कोप : सर्वनाश ।
२४ सर्व ब्राह्मण की एकता : सर्व शक्तिमान।
जय महाकाल …..जय परशुराम …
Forward to all Brahmin nd Non-Brahmin Friends..Proud of Being  a Brahmin

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